यहाँ हैं नमक की नदियां, The Salt Valley.. Mandi, Himachal Pradesh

                      

यहाँ हैं नमक की नदियां, The Salt Valley.. Mandi, Himachal Pradesh

               Rock Salt Mountain        

हिमाचल प्रदेश, प्राकृतिक खूबसूरत के अलावा अपनी खनिज संपदा  के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश में चूना पत्थर, अभ्रक, लिग्नाइट, सूरमा, जिप्सम, स्लेट, प्राकृत मीथेन गैस, सिलिका और सैंधा नमक पाया जाता है। हिमाचल प्रदेश के मण्डी  जिला के द्रंग और गुम्मा स्थान में नमक के पहाड़ हैं जो अपने आप में हमारी हैरानी  का कारण  बनते हैं।
द्रंग में पहाड़ों को एनएच-20 से भी देखा जा सकता है। ये पहाड़ द्रंग से लेकर गुम्मा तक फैले हुए हैं, हालाँकि  नमक की मौजुदगी हर जगह नहीं है। द्रंग में पहाड़ो से हो रहा नमक का रिसाव साफ देखा जा सकता है। पहाड़ों से निकलने वाला नमकीन पानी रिसाव के बाद सुख जाने पर अपने वास्तविक रूप में दिखता है।





यहाँ हैं नमक की नदियां, The Salt Valley.. Mandi, Himachal Pradesh

Rock Salt Mountain Drang Mandi, Himachal Pradesh


द्रंग और गुम्मा में नमक की खदानें  हैं जिन में नमक निकाला जाता था। ये खदानें  भारत की एकमात्र  प्राकृतिक सेंधा नमक की खदान  हैं, जिनमे लगभाग 16.03 मिलियन टन नमक मौजुद है। काफी समय पहले तक यहां नमक की खुदाई की जाती  थी। यहाँ  हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड कंपनी नमक की खुदाई करती है। नमक के इन पहाड़ों से पानी के रिसाव के कारण यहां नमक की खुदाई काफी समय पहले बंद कर दी गई थी, जिसे फिर से शुरू करने की कोशिश की जा रही है। यहां पहाड़ों से नमकीन पानी अज्ञात समय से निरंतर निकलता है, जो छोटी सी नदी का रूप लिए हुए हैं। यह पानी बहुत नमकीन है, जिसे आप 20 सेकेंड से ज्यादा समय तक अपने मुँह में नहीं रख सकते। जब ये पानी नदी-नाले के किनारे पर सुख जाता है तो वहीं सफेद नमक, बर्फ के खूबसूरत सफेद फाहो की तरह प्रतीत  होता है, जो काफी सुन्दर दिखाता है।



यहाँ हैं नमक की नदियां, The Salt Valley.. Mandi, Himachal Pradesh


Salt Water River,  The Salt Valley, Drang 

पहाड़ो से निकला पानी द्रंग और मंडी जिला के केंद्र बिन्दु मैगल नामक स्थान में भी छोटे से नाले और झरने के रूप में देखने को मिलता है। यहाँ  पानी का बहाव इतना तेज़ है कि यहाँ काफी अरसा पहले झरने के पानी से आटा पिसने की चक्की जाती थी, लोग दूर से गेहूं  पिसवाने आते थे। हालाँकि अब इस पानी का रुख मोड़ दिया गया है। अब इस चक्की के पानी से बिजली बनाने का काम भी किया जा रहा है। पुराने समय में मैगल के पास ही एक बड़े मैदान में सीमेंट की बनी बड़ी बड़ी क्यारियो में नमक का पानी इकट्ठा कर धूप में सूखा कर नमक बनाया जाता था, जिसे खरीदने के लिए लोग दूर दूर से आया करते थे। उस समय मंडी नगर व्यापार का मुख्या  केंद्र हुआ करता था। हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों के व्यापार यहां व्यापार करने आते थे और वापस जाते समय अपने घोड़ों पर  नमक लाद कर ले जाते। खैर ये सब वक्त वक्त की बात है। अब भारत में इस तरह का नमक पाकिस्तान से भी मंगवाया जाता है। पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक की खदाने हैं।


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Gharaat, Maigal Mandi Himachal

द्रंग की पहाड़ियों से निकले नमक को अब खाने लायक नहीं माना  जाता, क्योंकि  टीवी के विज्ञापन में बताया जाता है कि नमक में आयोडीन  होना जरूरी है। बीते 20-25 साल पहले तक यह नमक इंसानों के खाने लायक था, लेकिन अब यह नमक सिर्फ पशुओं के खाने का माना जाता है। दूर दूर के गांव के लोग अब भी यहां अपने पशुओं के लिए नमक के टुकड़े और बेहद खारा पानी लेने आते हैं। लगभाग 15 किलोमीटर दूर एक गांव से पानी लेने आए एक बुजुर्ग बताते हैं कि वो अभी भी इस पानी वाले नमक को खाने में इस्‍तेमाल करते हैं। हालाँकि इस नमक को खाने वाले लोगो की गिनती कम है। यह नमक और यहाँ का पानी औषधि गुणो से भरपुर है। इस पानी से किए कुल्ले, गले और मुख रोग में रामबाण का काम करते हैं। इस स्थान पर एक सुरंग बनाई गई है जो यहां की खदान के लिए रास्ता है। खदान में से रेल की छोटी पटरी बिछाई गई थी, इस पर छोटे छोटे बॉक्स में नमक के पत्थर बाहर लाये जाते थे, और इसे खाने योग्य बनाया जाता था।



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यहाँ हैं नमक की नदियां, The Salt Valley.. Mandi, Himachal Pradesh
 An Old House at Salt Valley, Drang


द्रंग के इन नमक वाले पहाड़ों पर एक गांव बसा है जिसका नाम है, नगरोटा। यह काफी पुराना गांव है जो कभी भरा पूरा गांव था लेकिन अब इसकी आबादी 150 ही रह गई है, इस का कारण है यहां से पलायन  करते लोग। यहां से काफी लोग गांव छोड़ कर चले गए क्योंकी पहाड़ों के गर्भ से नमक की चट्टानें  पिघल कर पानी के रूप में बाहर आ रही है। जिस कारण यहां की जमीन धीरे-धीरे नीचे धंस रही है। यहाँ अधिकतर  घरों में दरारें आ चुकी हैं। यहां के कुछ मकानों को एक तरफ झुके हुए साफ देखा जा सकता है। यहाँ  जमीन के लगातार  धंसने से ये नमक के पहाड़ भी धीरे धीरे दरक रहे हैं जिस कारण ये पहाड़ दूर से नमक के ऊँचे ऊँचे लम्बे टीलों की तरह दिखते हैं। पहाड़ों के दरकने से यहां की खेती योग्य जमीन कम होती जा रही है, जिसे देखने के बाद दावे के साथ कहा जा सकता है कि कुछ  सालो के बाद गांव का काफी भूभाग कट जाने से इस गांव की तस्वीर बदल जाएगी।


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