माता कांढी घटासनी The Nearest Hill Place From Mandi Town: Mata Kandhi Ghatasani Temple

हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत 12 ज़िलों  में से एक मण्डी जिला अपने आप में काफी खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे समेटे हुए है। यहाँ प्रकृति की छटाएँ खूब देखने को मिलती हैं। जिला मण्डी निम्न पहाड़ी क्षेत्र है। इस पहाड़ी इलाके में घूमने फिरने के लिए हर साल हज़ारो देशी विदेशी लोग यहाँ आते है। लेकिन मण्डी जिला में कई ऐसे खूबसूरत स्थान हैं जो अभी यहाँ आने वाले  लोगो की नज़र से छुपे हुए हैं, जिसका कारण है प्रचार की कमी और जानकारी का अभाव। जिला में कई  ऐसे स्थान हैं  जो यहाँ की कला और संस्कृति को पर्यटकों से रूबरू कराते हैं। www.lookhimachal.com आपको हिमाचल प्रदेश के ऐसे स्थानों के बारे में जानकारी देते हैं जहाँ  आप सपरिवार घूमने फिरने आ सकते हैं और प्रकृति की ख़ूबसूरती का मजा लूट सकते हैं। 



माता कांढी घटासनी The Nearest Hill Place From Mandi Town: Mata Kandhi Ghatasani Temple

घण्टाघर ,मण्डी  

 मण्डी शहर ऐतिहासिक शहर है, जिसका नाम प्राचीन, महान  ऋषि , ऋषि माण्डव्य के नाम पर पड़ा था। यूँ तो यहाँ सैंकड़ों मंदिर हैं ,लेकिन ,इक्यासी ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर यहाँ होने के कारन मण्डी का दूसरा नांम '' छोटी काशी " भी है। देव भूमि के रूप में अपनी खासी पहचान रखने वाले मण्डी जिला के ऊंचाई  वाले क्षेत्रों में पहाड़ी देवी देवताओं और ऋषि- मुनियों  के भी अनेक मन्दिर हैं, लगभग सभी मन्दिर पहाड़ी इलाकों में स्थापित हैं क्योंकि प्राचीन समय में देवी देवता इन शान्त इलाकों में ही निवास और तप  किया  करते थे। 

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The Nearest Hill Place From Mandi Town: Mata Kandhi Ghatasani Temple

माता कांढी घटासनी मन्दिर, शिवाबदार


मण्डी मुख्यालय से लगभग 8  किलोमीटर की दुरी पर, चंडीगढ़ -मनाली हाइवे पर घ्राण नाम का एक गाँव है , यहाँ से व्यास नदी के उस पार 8 किलोमीटर पहाड़ी पर सफर करने के बाद शिवाबदार नामक एक क़स्बा है जिसका अपना एक इतिहास है। यहीं  इसी गाँव में माता कांढी घटासनी का प्राचीन मन्दिर  है जिसकी स्थापना कब हुई , कोई नहीं जानता। इस  मन्दिर का पुनर्निर्माण कुछ समय पहले हुआ है। मन्दिर की  प्राचीन बनावट में कोई फेर बदल नहीं किया गया है, मन्दिर का निर्माण केवल लकड़ी और स्लेट से हुआ है।  हिमाचल के अधिकतर पहाड़ी मन्दिरो की तरह ही यह मन्दिर भी पेगोडा शैली में बनाया गया है। मन्दिर की दीवारों पर सुन्दर नक्काशी की गई है , देवी देवताओ , फूल पत्तियों के चित्र उकेरे गए हैं। 

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जनश्रुति के अनुसार मण्डी रियासत के पहले सेन राजा , राजा बानसेन का जनम यही शिवाबदार के एक गांव में बान प्रजाति के एक वृक्ष के नीचे हुआ था, उस समय भी यह मन्दिर यहाँ पहले से ही स्थापित था। उस जगह पर आज भी इस बात के  कुछ प्रमाण विद्यमान हैं। मन्दिर के साथ ही मण्डी जनपद के  पूजनीय देव बाबा कोट का भी एक छोटा सा पुराना  मन्दिर है। बाबा कोट का एक मन्दिर मण्डी शहर में स्थित राजमहल में भी है। जहाँ    बाबा कोट को  सिगरेट और तम्बाकू का सेवन    { देखें वीडियो }कराया जाता है।

   
kandhi ghatasani Temple

Pin curved Road

यह स्थान चारों ओर से ऊँचे ऊँचे पहाड़ो से घिरा हुआ है। इन पहाड़ो पर हिमपात के मौसम में हलकी बर्फ़बारी भी होती है। यहाँ का मौसम सारा साल खुशनुमा बना रहता है। यह सारा क्षेत्र ईलाका बदार के नाम से

जाना जाता है। यह काफी बड़ा ग्रामीण क्षेत्र है। इस मन्दिर से 8  किलोमीटर दूर प्रसिद्ध  ऋषि शुकदेव मन्दिर  है। शुकदेव ऋषि का प्राचीन मन्दिर गाँव थट्टा में है। थट्टा भी एक सुन्दर गाँव  है जो देवदार के खूबसूरत वृक्षों के बीच में बसा हुआ है। सड़क केवल थट्टा तक ही है , लेकिन यहाँ से एक लिंक रोड है जिस से हम ऋषि शुकदेव जी के मन्दिर तक पहुँच सकते हैं। 

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माता कांढी घटासनी The Nearest Hill Place From Mandi Town: Mata Kandhi Ghatasani Temple

माता कांढी घटासनी 

इसी सड़क से प्रसिद्ध पराशर झील तक भी पहुंचा जा सकता है। बाइकर्स  के लिए यह सड़क मार्ग एक अच्छा ट्रैक है। यह सड़क घने जंगलों के बीचों  बीच से गुजरती है। ऊँचे ऊँचे हरे भरे पेड़ यहाँ बेहद सुन्दर दृश्य पैदा करते हैं जिससे नज़ारा और भी मनोरम हो जाता है। 

वीडियो देखें :-
      
 Jalpa Devi ll A Beautiful Place to Visit : Himachal

   

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