ऊना जिला में युवती की हत्या के आरोपी बाबा को उम्रकैद.. जानें पूरा मामला

ऊना जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया जिसने न सिर्फ कानून को भी झकझोर कर रख दिया, बल्कि संत समाज की छवि को भी दागदार किया। भगवा वस्त्र धारण कर अध्यात्म का मुखौटा पहनने वाले एक कथित बाबा ने जब अपनी वासना की आग में.. 

                                                                    


प्रतीकात्मक फोटो 

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया जिसने न सिर्फ कानून को भी झकझोर कर रख दिया, बल्कि संत समाज की छवि को भी दागदार किया। भगवा वस्त्र धारण कर अध्यात्म का मुखौटा पहनने वाले एक कथित बाबा ने जब अपनी वासना की आग में  एक मासूम युवती की जान ले ली, तो पूरा समाज स्तब्ध रह गया।


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यह घटना वर्ष 2021 की है। उपमंडल गगरेट के जाड़ला कोयड़ी गांव में 22 वर्षीया एक युवती रहस्यमय तरीके से गायब हो गई थी। कुछ ही दिनों बाद उसी गांव में स्थित एक आश्रम के पीछे जमीन में दबा हुआ उसका शव मिला। पुलिस ने जब छानबीन की तो डेरे के सीसीटीवी फुटेज में बाबा विद्या गिरी उर्फ विकास दुबे को कचरा ले जाने वाली ट्राली के साथ देखा गया। शक के घेरे में आए बाबा से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आया।

                                                                         

विकास दुबे ने पूछताछ में बताया कि वह उस युवती से एकतरफा प्रेम करता था। उसने कई बार युवती से नज़दीकियां बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन जब वह सफल नहीं हुआ तो उसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। एक दिन मौका देखकर जब युवती आश्रम में आई तो उसने युवती के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को जमीन में दबा दिया ताकि कोई सुराग न मिल सके।


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हालांकि इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था, लेकिन सहायक न्यायवादी नवीन धीमान ने इतने सशक्त साक्ष्य अदालत के सामने रखे कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजिंदर कुमार की अदालत ने बाबा को दोषी करार देते हुए उसे सश्रम उम्रकैद की सजा सुना दी। साथ ही, 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश भी दिया गया। जुर्माना न देने की स्थिति में एक साल अतिरिक्त कैद भी भुगतनी होगी। इसके अलावा, सबूत मिटाने के आरोप में उसे तीन साल की सश्रम कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है।


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इस पूरे मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया था, जब हत्या का खुलासा होते ही उग्र भीड़ ने आश्रम को घेर लिया था और आरोपी को कमरे से निकालने की कोशिश की भी गई। लेकिन तत्कालीन डीएसपी सृष्टि पांडे, एसएचओ दर्शन सिंह और पुलिस टीम ने हालात पर काबू पाते हुए आरोपी को सुरक्षित बाहर निकाला और कानून को अपने हाथ में लेने से जनता को रोका।



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आज वही ढोंगी बाबा जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। भगवा ओढ़कर अधर्म की राह पर चलने वाले इस व्यक्ति को अब उसके पापों की सजा मिल चुकी है। न्याय ने फिर साबित किया कि चाहे कोई भी हो, कानून से ऊपर कोई नहीं।

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