सावन के महीने में बारिश ने तोड़ा 39 साल का रिकॉर्ड, Heavy Monsoon in Himachal !! 1538 करोड़ रूपए गर्क..

                                                             

मण्डी जिला में बीते 39 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूटा

बारिश ने तोड़ा 39 साल का रिकॉर्ड

29 जुलाई की रात और 30 जुलाई की सुबह हिमाचल प्रदेश के लिए भारी तबाही लेकर आई। मण्डी जिला में बीते 39 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूट गया, जहां 39 साल पहले 7 जुलाई 1986 में 155 मिली बारिश दर्ज की गई थी, वहीं अब 29 जुलाई को 198.6 मिली बारिश दर्ज़ की गई है। लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी के चलते प्रदेश के जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। मण्डी, कुल्लू, शिमला और सोलन जैसे जिलों में तेज बारिश ने रास्ते बंद कर दिए हैं और कई इलाकों को पूरी तरह से ठप कर दिया है।

ऑरेंज अलर्ट जारी 

राज्य भर में अब तक' 357 सड़कें बंद हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिला में ही 259 सड़कें प्रभावित हुई पड़ी हैं' जिससे आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। मौसम विभाग ने 30 और 31 जुलाई को चंबा, कांगड़ा, मण्डी और कुल्लू में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में प्रशासन ने नदियों और नालों के किनारे ना जाने से बचने की चेतावनी दी है, क्योंकि अचानक बाढ़ की आशंका बनी हुई है।

हिमाचल में चौतरफा नुक्सान 

प्राकृतिक आपदा का असर केवल सड़कों तक ही सीमित नहीं रहा। शाहपुर में क्षेत्र के छतरी मूला जोत में आसमानी बिजली गिरने से 90 भेड़ बकरियों की मौत हो गई जो स्थानीय ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य जरिया थीं। इसके अलावा भारी बारिश के चलते कांगड़ा एयरपोर्ट में हवाई यात्रा भी प्रभावित हुई है यहाँ पांच में से केवल तीन हवाई जहाज ही उतर सके। 


एक अनुमान के अनुसार, प्रदेश को अब तक लगभग 1,538 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। बिजली के 182 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं' जिससे कई इलाकों में पूरी तरह से अँधेरा पसरा हुआ है। इसके अलावा 179 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों को पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के असर से तापमान में भी गिरावट आई है और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी ने ठंड बढ़ा दी है।

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन स्थिति फिलहाल गंभीर बनी हुई है।

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