शनिवार 9 अगस्त दोपहर करीब 12 बजे तीनों छात्र आउटिंग डे पर स्कूल के फॉरेस्ट गेट से बाहर निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे। शाम 5 बजे हॉस्टल में उपस्थिति लेने पर उनकी गैर मौजूदगी का पता चला और स्कूल प्रबंधन ने तुरंत..
शिमला के बिशप कॉटन स्कूल शिमला के छात्रों के लापता होने के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बड़ी सफलता हासिल करते हुए तीनो बच्चों को सही सलामत ढूंढ निकाला है। शनिवार 9 अगस्त दोपहर करीब 12 बजे तीनों छात्र आउटिंग डे पर स्कूल के फॉरेस्ट गेट से बाहर निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे। शाम 5 बजे हॉस्टल में उपस्थिति लेने पर उनकी गैर मौजूदगी का पता चला और स्कूल प्रबंधन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
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इस सूचना पर एस एस पी संजीव कुमार गांधी के नेतृत्व में 150 से अधिक पुलिसकर्मी बच्चों की तलाश में जुटे। स्कूल गेट, खलीनी बाजार, रिज, मालरोड और अन्य इलाकों तक के 300 से ज्यादा सीसी टीवी फुटेज खंगाले गए। खलीनी चौक पर बच्चों का फुटेज नहीं मिलने पर पुलिस का संदेह गहराया। वहां दुकानों में लगे कैमरों में दिल्ली नंबर की एक i10 कार दिखी जिसे सफेद शर्ट पहने एक चालक चला रहा था और उसमें बच्चों के होने की आशंका हुई। इसके बाद यह गाड़ी अप्पर शिमला की ओर जाती हुई दिखाई दी, जिसके बाद रातभर तलाशी अभियान चला।
रविवार दोपहर पुलिस ने कोकूनाला के पास चैंथला रोड स्थित एक घर से तीनों बच्चों को सुरक्षित बरामद किया और अपहरणकर्ता सुमित सूद को गिरफ्तार कर लिया। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले से ही योजना बनाकर स्कूल गेट के बाहर खड़ा था। उसने बच्चों को बाजार छोड़ने का बहाना बनाकर लिफ्ट दी और फिर उन्हें धमकाकर कोटखाई की ओर ले गया। आरोपी की गाड़ी में लगी नंबर प्लेट भी फर्जी पायी गई।
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पुलिस की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी सुमित सूद खुद भी बिशप कॉटन स्कूल का पूर्व छात्र रह चूका है और उसे अच्छी तरह पता था कि छुट्टी के दिन छात्रों को आउट पास मिलता है। रक्षाबंधन के मौके पर छुट्टी का फायदा उठाकर उसने अपहरण को अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार, वह पिछले कुछ समय से ट्रेडिंग में 35 से 40 लाख रुपए का नुकसान उठा चुका है। और उसने पैसों की भरपाई के लिए अपहरण करने की योजना बनाई थी। पुलिस ने आरोपी के पास से एक रिवॉल्वर और चाकू भी बरामद किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए बच्चों के परिजन कुल्लू मोहाली और करनाल से रातों रात शिमला पहुंचे। वे पूरे दिन बच्चों की तलाश में भटकते रहे और उनकी सलामती के लिए चिंतित रहे। इस मिशन में स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने हर संभव सहयोग दिया, सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्ष जानकारी भी मुहैया कराई।
पुलिस की लगातार नाकाबंदी, इलाके की घेराबंदी और तकनीकी जांच के बाद बच्चों को सुरक्षित बचाया गया और आरोपी को हिरासत में लिया गया। एएसपी नवदीप सिंह के अनुसार, आरोपी के पुराने संपर्क और पृष्ठभूमि की गहन जांच जारी है, और आने वाले समय में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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