माननीय उच्च न्यायालय ने यह तर्क खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि प्रतिवादी-निगम के लिए वित्तीय बाधाओं के नाम पर'न्यायालय के आदेश को अनिश्चित काल तक टालना संभव नहीं है। अदालत ने साथ में यह भी जोड़ा कि निगम को पहले ही आठ महीने का पर्याप्त समय दिया जा चुका है और अब और देरी करना, कर्मचारियों के साथ सरासर..
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल पथ परिवहन निगम ( hrtc ) के कर्मचारियों के पैन्डिंग एरियर का भुगतान न करने पर परिवहन निगम के विरुद्ध सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने फिलहाल हलकी कार्यवाही करते हुए परिवहन निगम की एक गाड़ी HP 07 B 0222 को तुरंत जब्त करने का आदेश दिया और कहा कि न्यायालय के अगले आदेश तक इस गाड़ी का इस्तेमाल नहीं होगा।
कोर्ट ने निगम को सख्त चेतावनी दी है कि तीन हफ्तों के भीतर सभी कर्मचारियों का बकाया एरियर और अन्य सभी वित्तीय लाभ हर हाल में चुकाए जाएँ अन्यथा इसके बाद दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, वित्तीय सलाहकार मनीत वर्मा और उप मंडल प्रबंधक मदन लाल शर्मा अदालत में मौजूद रहे।
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निगम ने अदालत में अपनी सफाई देते हुए कहा कि वह वित्तीय संकट से जूझ रहा है और कर्मचारियों को एरियर देने के लिए करीब 50 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। लेकिन हाईकोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि प्रतिवादी-निगम के लिए वित्तीय बाधाओं के नाम पर न्यायालय के आदेश को अनिश्चित काल तक टालना संभव नहीं है। अदालत ने निगम को झाड़ते हुए यह भी कहा कि निगम को पहले ही आठ महीने का पर्याप्त समय दिया जा चुका है। अब और देरी करना कर्मचारियों के साथ सरासर अन्याय होगा।
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गौर करने वाली बात यह है कि हाईकोर्ट ने इससे पहले 28 फरवरी तक कर्मचारियों को एरियर और सभी अन्य लाभ देने का आदेश दिया था। आदेश का पालन न होने पर कर्मचारियों ने दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब अपने आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने निगम की HP07B 0222 नंबर की इटियोस गाड़ी को तुरन्त जब्त करने के आदेश दिए।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। इसके अलावा एचआरटीसी कर्मचारियों के एरियर से जुड़े' करीब 300 अन्य मामले भी अदालत में लंबित हैं। इन मामलों में याचिका कर्ताओं ने निगम की संपत्ति जब्त करने की मांग की है। इन सभी मामलों पर 12 सितंबर को सुनवाई निर्धारित की गई है।
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