14 अगस्त 2025 को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों की घोषणा की गई। देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान' वीर चक्र” की घोषणा की। शिमला के जुब्बल के जखोड़ गांव के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अर्शवीर सिंह ठाकुर को..
सबसे पहले lookhimachal.com सभी पाठकों को आजादी के महोत्सव की ढेरों शुभकामनायें। 14 अगस्त 2025 को भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों की घोषणा की गई। शिमला के जुब्बल के जखोड़ गांव के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अर्शवीर सिंह ठाकुर को' देश के तीसरे सर्वोच्च वीरता सम्मान' वीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर भारतीय सेना को बड़ी सफलता दिलाई। सही मायने में अर्शवीर' ने छुआ है ‘अर्श’ यानी आसमान की ऊँचाइयों तक पहुंचे। फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर यह सम्मान पाने वाले अकेले अधिकारी हैं। उन्होंने दुश्मन के इलाके में घुसकर सटीक हमले किए और आतंकवादियों के गढ़ को पूरी तरह तबाह कर दिया।
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उनका यह साहसिक अभियान भारतीय वायु सेना के उच्च प्रशिक्षण, दृढ़ संकल्प और अदम्य वीरता का प्रतीक है। मिशन के दौरान अर्शवीर ने अपने विमान से सटीक बमबारी की, जिससे पाकिस्तान में चल रही आतंकी गतिविधियों को करारा झटका लगा। इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर उनके परिवार और पूरे हिमाचल प्रदेश को गर्व है। उनके पिता नरवीर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड से सेवानिवृत्त हैं। जबकि माता अमरजीत कौर शिमला के एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षिका हैं। यह सम्मान न केवल अर्शवीर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, जो यह संदेश देता है कि हमारे सैनिक देश की सुरक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं।
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