आज के पोस्ट में आचार्य के अनुसार, महिलाओं के कुछ ऐसे गुण जिनसे वो अपने पति के जीवन को खुशियों से भर देती हैं और ससुराल में उन्हें भी खूब प्यार और स्नेह मिलता है।
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चाणक्य नीति |
आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता, आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे तक्षशिला विश्व विद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने अपने जीवन काल में राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, सामाजिक शास्त्र और कृषि शास्त्र से सम्बंधित कई महान ग्रन्थ लिखे, जिनका अनुसरण करके आज भी उनके अनुयायी इनका लाभ लेते हैं। हज़ारों साल पहले कही गयीं उनकी नीतियां आज भी अनुसरणीय हैं। आप भी आचार्य चाणक्य की नीतियों पर अमल करके जीवन को खुशहाली और सुख शांति से भर सकते हैं। आचार्य का नीतिज्ञान कठोर अवश्य है लेकिन आमजन के लिए फायदेमंद है।
आज के इस पोस्ट में हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा अपने नीति शास्त्र में बताये गए महिलाओं के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताएँगे जिनसे वो अपने पति और साथ ही अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को खुशियों से भर देती हैं और स्वयं भी अपने परिवार का प्यार और स्नेह प्राप्त करती हैं। आइये जानते हैं महिलाओं गुणों के बारे में :
सुंदरता को महत्व देने वाली
सुन्दरता हर महिला का गहना होता है लेकिन हम यहाँ तन की सुन्दरता की नहीं बल्कि मन की सुंदरता की बात कर रहे हैं। जिस महिला में मन की सुंदरता होती है उसे हमेशा ही अपने परिवार का प्यार प्राप्त होता है। मन की सुन्दरता से मतलब है मन में किसी के प्रति द्वेष या बैर की भावना का न होना, सबके प्रति मन में प्यार होना, सबके साथ अच्छा व्यवहार होना, ऐसे गुणों वाली महिला अपने पति और परिवार के जीवन को खुशियों से भर देती है।
क्रोध न करने वाली महिला
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस स्त्री का मन स्थिर हो और कभी भी छोटी छोटी बात पर गुस्सा न आता हो, हर हालात और स्थिति में जो शांत रहना जानती हो, उसका और उसके परिवार का जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। धर्यवान और शांत महिला शादी की बाद जिस भी घर में जाती है, वहां सुकून से रहती है।
आदर और सम्मान देने वाली महिला
चाणक्य नीति शास्त्र के अनुसार जो लड़की या स्त्री अपने से बड़ों को आदर व सम्मान और अपने से छोटे को स्नेह की दृष्टि से देखती हो, उसे अपने ससुराल में हमेशा भरपूर प्रेम मिलता है। अगर आप किसी का सम्मान करते हैं तो बदले में आप भी वैसा ही सम्मान और इज्जत पाते हैं। किसी भी लड़की या स्त्री में यह गुण अवश्य ही होना चाहिए। तभी वो स्वयं भी दूसरों से सम्मान और स्नेह प्राप्त कर सकती है।
धर्यवान स्त्री
चाणक्य के अनुसार जिस महिला को धैर्य रखना आता हो वह हर परिस्थिति में अपने परिवार को संभाल सकती है। जीवन में कई तरह की परिस्थितियां आती हैं, हर स्थिति में धैर्य ही काम आता है। ऐसी स्त्रियां अपने परिवार को आपस में जोड़कर रखना जानती हैं, और अपने परिवार को स्वर्ग बना देती हैं।
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