दुनिया की अति दुर्गम और सबसे कठिन यात्राओं में से एक माने जाने वाली श्रीखंड महादेव की यात्रा शुरू होने से पहले गुरुवार यानि 29 जून को पवित्र छड़ी की परम्परा निरमंड में निभाई गई। शुभ मुहूर्त और देवनीति के अनुसार सैंकड़ों साधु संत अम्बिका माता और स्वामी दत्तत्रये की पवित्र छड़ी लेकर शिव के पवित्र स्थान श्रीखण्ड की ओर रवाना हुए। यह यात्रा दशनामी जूना अखाड़ा प्रमुख की अगुवाई में भोले बाबा के जयकारों के साथ शुरू हुई।
![]() |
श्रीखण्ड महादेव फोटो: discoverkullumanali.in |
ये पोस्ट भी आपके लिए रोचक हो सकता है :
ये साधु सन्त गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीखण्ड में भोले नाथ के दर्शन करेंगे उसके बाद श्रद्धालुओं के लिए श्रीखण्ड की पवित्र यात्रा शुरू होगी। प्रशासन ने इसके लिए 7 जुलाई से 20 जुलाई तक का समय निर्धारित किया है। आधिकारिक यात्रा से पहले अम्बिका माँ और स्वामी दत्तात्रये की पवित्र छड़ी यात्रा को दशनामी जूना अखाडा हरियाणा के श्रीपंच महंत रामचन्द्र गिरी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस यात्रा में जाने वाले साधु संत 3 जुलाई को वापिस लौटेंगे। अम्बिका माता के कारदार पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि निरमंड से स्वामी दत्तात्रये और माता अम्बिका की छड़ी यात्रा प्राचीन समय से होती आ रही है जो हर साल देव शयनी एकादशी को आरम्भ होती है और गुरुपूर्णिमा के दिन श्रीखण्ड महादेव के दर्शन करके लौटती है। 3 जुलाई को यात्रा श्रीखण्ड से वापस निरमंड की ओर रवाना होगी और 9 जुलाई को दशनामी अखाडा निरमंड में पहुंचेगी। नौ जुलाई को यहाँ भण्डारे का आयोजन किया जाएगा।
ये पोस्ट भी आपके लिए रोचक हो सकता है :
आपको बता दें कि श्रीखंड यात्रा सात जुलाई से शुरू हो रही है जो बीस जुलाई तक चलेगी। यात्रा में जाने वाले यात्री को पहले अपना पंजीकरण करवाना अति आवश्यक और अनिवार्य है नीचे दिए लिंक से आप पंजीकरण करवा सकते हैं।
0 टिप्पणियाँ